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यह मॉडल पहले भी लागू था, लेकिन 2014 में इसे दो साल कर दिया गया था। अब लंबे समय के रिव्यू के बाद NCTE ने पाया कि दो साल का B.Ed कोर्स ज्यादा प्रभावी नहीं रहा—सीटें खाली रहीं, विद्यार्थियों पर समय-खर्च बढ़ा, और सिस्टम में योग्य शिक्षकों की कमी बनी रही। इसी वजह से एक बार फिर इसे 1 साल का करने का फैसला लिया गया है।

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1 साल वाले B.Ed कोर्स वापस क्यों लाया गया?

  • 2 साल वाला B.Ed भारी और समय लेने वाला बन गया था
  • कई कॉलेजों में सीटें खाली रह गईं
  • स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र 2 साल का समय देने में कठिनाई महसूस कर रहे थे
  • NEP ने कहा कि उच्च शिक्षित उम्मीदवारों के लिए 2 साल ज्यादा लंबे हैं
  • शिक्षा व्यवस्था में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी बढ़ रही थी

नई खासियतें 1 साल वाले B.Ed कोर्स की

1. कोर्स अवधि

  • अब B.Ed सिर्फ 1 साल में पूरा होगा
  • समय और पैसे दोनों की बचत

2. पात्रता (Eligibility)

1 साल वाले B.Ed में प्रवेश केवल उन्हीं उम्मीदवारों को मिलेगा जिन्होंने:

  • 4 साल वाला UG कोर्स किया हो
    (B.A. B.Ed, B.Sc. B.Ed, Integrated या 4-year degree program)
  • या PG (M.A., M.Sc., M.Com) पूरा किया हो

3. 3-साल वाले डिग्री छात्र?

जिन छात्रों ने परंपरागत 3 साल की Graduation की है, उन्हें पहले की तरह 2-year B.Ed ही करना होगा।

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इस बदलाव का मुख्य लक्ष्य क्या है?

  • योग्य शिक्षकों की कमी जल्द पूरी करना
  • पढ़े-लिखे युवाओं को तेजी से शिक्षण पेशे में प्रवेश दिलाना
  • सिस्टम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षक उपलब्ध कराना
  • NEP 2020 के अनुसार शिक्षा व्यवस्था को modern बनाना

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